दुनिया भर के मेडिकल एक्सपर्ट का मानना है कि कोविड-19 को लोगों से दूरी बनाकर ही फैलने से रोका जा सकता है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि लंबे समय तक घर से काम करने से, लोगों से दूरी बनाए रखने और एकांत में रहने से हमारी दिमागी सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
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हम इस वक्त बिल्कुल नई चुनौती और अनुभव से जूझ रहे हैं, और ऐसे हालात में तनाव होना बिलकुल सामान्य और स्वभाविक है। आपके लिए यह जानना ज़रूरी है कि आप अकेले नहीं है, बल्कि यह महामारी पूरी दुनिया को प्रभावित कर रही है। तनाव हमारे इम्यून सिस्टम पर काफी बुरा असर डालता है और इस वक्त हमें अपने इम्यून सिस्टम को बेहतर रखने की सबसे ज़्यादा ज़रुरत है।
इसलिए आपको लॉक डाउन के दौरान होने वाले तनाव और चिंता को दूर भगाने की बहुत सख्त ज़रुरत है। यहां आपको कुछ ऐसे ही तरीकों के बारे में बताया जा रहा है –
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ख़बरों के दायरे को सीमित करें
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक कोविड-19 के बारे में ऐसी ख़बरें देखना, पढ़ना और सुनना कम कर देना चाहिए, जिनसे आपकी चिंता बढ़ जाती है। आपको सिर्फ ऐसी जानकारी पर भरोसा करना चाहिए जो विश्वसनीय सूत्रों से आती हैं। आपको ख़बरों के बारे में अपडेट लेने का एक वक्त (सुबह या शाम) तय करना चाहिए। लगातार कोरोना वायरस के फैलने की ख़बरों को देखते रहने से आप सिर्फ तनाव में ही आ सकते हैं। ऐसी जानकारी इकट्ठा करें जो इस मुश्किल हालात से लड़ने के लिए तैयार रहने और सुरक्षित रखने में आपकी मदद कर सके। ख़बरों को खुद पर हावी ना होने दें और अफ़वाहों पर नहीं बल्कि सही व सच्ची ख़बरों पर ध्यान दें।
अपने व्हाट्सऐप को मैनेज करें
भले ही आपने न्यूज़ देखना या पढ़ना कम कर दिया हो पर इसके बाद भी आपके सोशल मीडिया, ख़ास तौर पर व्हाट्सऐप पर इससे जुड़ी ख़बरें, आर्टिकल, वीडियो क्लिप, यहां तक कि कोरोना के बारे में बात कर रहे लोगों के वॉइस नोट की भरमार होगी। ऐसे मैसेज भेजने वालों को आप समझा सकते हैं, ऐसी जानकारियों से दूर रहने के लिए राय दे सकते हैं या फिर उस ग्रुप को म्यूट कर सकते हैं जहां से इस तरह की जानकारी की भरमार हो रही है। ग्रुप को म्यूट करने के लिए ग्रुप चैट को खोलने के बाद उसके नाम पर क्लिक करें। इंफॉर्मेशन पेज खुलने पर म्यूट नोटिफिकेशन पर क्लिक करें और फिर म्यूट की अवधि चुनें। यह बिना किसी को नाराज़ किए, ख़बरों की भरमार से दूर रहने का बढ़िया तरीका है।
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ध्यान लगाएँ
न्यूरोसाइंटिस्ट ने यह साबित किया है कि ध्यान लगाने (मैडिटेशन) से चिंता और तनाव को दूर करने में मदद मिलती है। वैज्ञानिकों ने यह साबित किया है कि जो लोग ध्यान लगाते हैं वे खुश और शांत रहते हैं क्योंकि ऐसा करने से दिमाग की एक्टिविटी (दिमाग की तरंगें) को दाएँ तरफ (जिस तरफ तनाव होता है) से बाएँ तरफ (जो हिस्सा शांति देता है) शिफ्ट किया जा सकता है। इसलिए ध्यान लगाने के लिए रोज़ाना 5-30 मिनट का समय निकालना चाहिए। आपको कोई ऐसी ध्यान लगाने की तकनीक ढूंढनी चाहिए जो आपके लिए सही हो, या फिर आप ध्यान लगाने की सभी तकनीकों के बारे में जानकारी ले सकते हैं। आप चाहे ध्यान लगाने की कोई भी तकनीक आज़माएँ ,बस आपको इसे अपने रूटीन का हिस्सा बनाना चाहिए।
सांसों की एक्सरसाइज़ की प्रैक्टिस करें
गहरी सांस लेना तनाव कम करने के कुछ आसान तरीकों में से एक है। इससे आपके शरीर और दिमाग को तुरंत आराम मिलता है। क्लिनिकल न्यूरोलॉजिस्ट क्रिस्टोफर रोड्स (पी.एचडी) के मुताबिक, “जब आप तनाव या चिंता में होते हैं तो आपकी सांसे अनियमित हो जाती हैं और आपको परेशानी होती है।’ इसलिए आपको अपनी सांस लेने के तरीके पर ध्यान देना चाहिए। गहरी सांस या डाएफ्रैग्मेटिक ब्रीदिंग (एक तरह की सांसों की एक्सरसाइज) से आपके शरीर में ज़्यादा हवा पहुँचती है, ये आपके तनाव और चिंता को कम करने और नसों को आराम पहुंचाने में मदद करती है। आप स्क्वायर ब्रिदिंग, 4-7-8 और ऐसी कई सारी एक्सरसाइज़ आज़मा सकते हैं। ऐसे बहुत से वीडियो और ऐप हैं जिनकी मदद से आप गहरी सांस लेने में महारत हासिल कर सकते हैं।
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एक्सरसाइज़
क्या आपको पता है कि एक्सरसाइज़ के कई फ़ायदों में एक फायदा यह भी है कि इससे तनाव कम करने में भी मदद मिलती है? एक्सरसाइज़ करने से आपके दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है जिससे एंडोर्फिन नामक हार्मोन रिलीज़ होते हैं। इसके साथ ही एड्रेनालिन और कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन का लेवल भी कम होता है। ऐरोबिक जैसी नियमित एक्सरसाइज़ करने से तनाव में कमी आती है, मूड अच्छा और स्थिर रहता है, नींद अच्छी आती है और आपको खुद में सुधार महसूस होता है। सिर्फ पांच मिनट की एक्सरसाइज़ से भी फर्क महसूस होने लगता है, तो फिर इन आसान एक्सरसाइज़ से शुरुआत करें।
योगा करें
तनाव और चिंता का असर सीधा आपके शरीर पर पड़ता है। ज़्यादा तनाव लेने से आपकी मांसपेशियों में खिंचाव सा आ जाता है। योगा शरीर की चोट और दर्द से बचने का प्राकृतिक तरीका है। कुछ ख़ास योगासन चिंता से होने वाली शारीरिक परेशानियों को कम कर सकते हैं। योगा में भी प्राणायाम नाम की सांस लेने की तकनीक होती है जो काफी असरदार है। इसके अलावा योगा में आप ध्यान भी लगा सकते हैं। तो अब तक आप समझ चुके होंगे कि योगा करने के कितने सारे फायदे हैं। कुछ अध्ययनों में तो यहाँ तक कहा गया है कि योगा तनाव और डिप्रेशन का इलाज करने में उतना ही मददगार साबित होता है जितना की कोई एंटी- डिप्रेसेंट (एक दवा, जिसका इस्तेमाल डिप्रेशन रोकने या उसके इलाज के लिए किया जाता है) दवा कारगर होती है।
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लोगों से जुड़े रहें
जब आप तनाव और चिंता महसूस कर रहे होते हैं, तब किसी अपने का ज़रा सा सहारा मिलने से भी काफी आराम मिलता है। ऐसे में अपने परिवार या दोस्तों से बातचीत करें ताकि जो बात आपको परेशान कर रही है वो दिमाग से बाहर निकले और आप खुश हो सकें। एक अध्ययन में पाया गया है कि ‘जब महिलाएं अपने बच्चों या दोस्तों के साथ वक्त बिताती हैं तो उनके अंदर ऑक्सिटोसिन रिलीज़ होता है, जो तनाव दूर करने की प्राकृतिक दवाई है’। पुरुष हो या महिला, दोनों के लिए समाज से जुड़े हना ज़रूरी है। अगर आप बाहर जाकर अपने दोस्तों या परिवार वालों से नहीं मिल सकते तो आप टेक्स्ट, कॉल या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मदद से भी एक दूसरे से बातचीत कर सकते हैं। यह परिवार के उन सदस्यों के साथ फिर से जुड़ने का एक अच्छा समय है, जो लॉकडाउन के दौरान आपके साथ रह रहे हैं। उनके साथ इतना ज़्यादा वक्त बिताने का मौका शायद फिर कभी ना मिलेगा।
नई आदतें और दिनचर्या बनाएँ
एक दिनचर्या होने से आपके विचार और भावनाओं पर अच्छा असर पड़ता है। लॉकडाउन की वजह से हम बहुत सी ऐसी चीज़ें जैसे कि काम पर आना-जाना, तय समय पर लंच करना, तय समय पर काम बंद करना, तय समय पर टहलने जाना आदि नहीं कर पा रहे हैं जो हमारी आदत बन चुकी हैं। अब हम ये सब नहीं कर पा रहे हैं, तो ऐसे में परेशान या तनाव ग्रस्त होना स्वभाविक है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए कुछ नयी आदतें और दिनचर्या बनाना काफी ज़रूरी है ताकि आप खोए-खोए और तनाव ग्रस्त ना महसूस करें।
दिमाग को सचेत रखने की कोशिश करें
माइंडफुलनेस का मतलब है कि जब आप अपने विचारों और भावनाओं के बारे में जानते हैं या उस पर ध्यान देते हैं, लेकिन जो आप महसूस कर रहे हैं उस पर कोई फैसला नहीं देते हैं। आपको अपने आज के बारे में सब कुछ पता है और आप बीते हुए कल या आने वाले कल की चिंता नहीं कर रहे हैं। आपका ध्यान सिर्फ आज पर होना चाहिए। इससे आपका पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम (ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम का विभाग जो आराम करने की स्थिति में शरीर के अंदरूनी अंगों को नियंत्रित करता है।) सक्रिय हो जाता है। माइंडफुलनेस का अभ्यास करने के बाद आपको महसूस होगा कि आपके दिल की धड़कनें, ब्लड प्रेशर सामान्य हो रहे हैं और मांसपेशियों का खिंचाव भी कम होने लगा है।
अपनी डाइट पर ध्यान दें
सेहतमंद दिमाग के लिए सही, नियमित, सेहतमंद और पौष्टिक डाइट लेना बहुत ज़रूरी है। कॉफी छोड़ कर चाय पीना शुरू करें क्योंकि कॉफी में कैफीन की मात्रा ज़्यादा होती है इससे आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। वहीं दूसरी ओर चाय में अच्छे ऑक्सिडेंट और थियानिन होते हैं। थियानिन एक तरह का अमिनो एसिड है जो आपके नर्वस सिस्टम को शांत करता है। आपको बहुत ज़्यादा शराब और कम डाइट लेने से भी दूर रहना है; ये आपके इम्यून सिस्टम को कमज़ोर करते है और इनसे तनाव भी बढ़ता है।
रिलैक्स करने और तनाव से दूर रहने के लिए म्यूज़िक सुनने, अपने पालतू जनवर के साथ खेलने जैसे और भी कई तरीके हैं। आपको जो अच्छा लगता है वो करें, बस तनाव को खुद पर हावी ना होने दें। यह वीडियो आपको याद दिलाएगा कि क्या करना है-
हमें मैसेज करके बताएँ कि आप लॉकडाउन के दौरान खुद को शांत रखने के लिए क्या करते हैं। आप हम तक NoBroker के ज़रिए भी पहुंच सकते हैं।
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