पानी से होने वाला नुकसान किसी भी घर के लिए बड़ा खतरा होता है। इससे ज़हरीली फफूंद पैदा होती हैं, दीवार को नुकसान पहुँचता है, पेंट खराब हो जाता हैं और सबसे ख़राब बात है कि यह घर की नींव को कमज़ोर कर देता है। अगर आप घर खरीदने या किराए पर लेने की सोच रहे हैं तो इन जगहों में पानी से होने वाले नुकसान के सभी संकेतों को जान लें, ताकि इससे होने वाली मुश्किल से बचा जा सके और आपके पैसे भी बर्बाद ना हों।
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बाहरी दरवाज़े
जो दरवाज़े बाहर होते हैं जैसे कि मुख्य दरवाज़ा, बगीचे का दरवाज़ा/छत का दरवाज़ा आदि, वो बारिश में जल्दी खराब हो जाते हैं। आजकल लोग इन दरवाज़ों की सुरक्षा के लिए वाटरप्रूफ पेंट और ट्रीटेड वुड का इस्तेमाल करते हैं, पर इसके बाद भी पानी दरारों से रिस सकता है जिससे दरवाज़ा और उसका फ्रेम ख़राब हो सकता है। कुछ समय के बाद दरवाज़े फूल जाता हैं और फिर ठीक नहीं होते हैं।
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बाहरी खिड़कियाँ
दरवाज़ों की तरह खिड़कियाँ भी मौसम की मार झेलती हैं और इनके साथ भी वही समस्याएं होती हैं। अगर समय रहते ध्यान ना दिया जाए तो पानी खिड़की के नीचले हिस्से और उसके शीशे को नुकसान पहुंचा सकता है। दीवारों को होने वाले नुकसान का पता उसके बदरंग होने से लग जाता है। सिल पर स्क्रूड्राइवर या कोई भी औजार चलाकर आप आसानी से लकड़ी की जांच कर सकते हैं, अगर वह सिल के अंदर चला जाए तो समझिए कुछ गड़बड़ी है।
दीवारों पर धब्बे
धीरे-धीरे मगर लंबे समय तक पानी के रिसाव से दीवारों पर धब्बे बन आते हैं। ऐसा तब होता है जब दीवार के पीछे का पाइप लीक होता है या क्षतिग्रस्त हो जाता है। पानी के ये निशान ज़्यादातर भूरे या पीले रंग के होते हैं और बेहद असमान्य आकार लेते हैं। आप इन धब्बों को बेसमेंट, बाथरूम या उन दीवारों पर देख सकते हैं जिनके पीछे पाइप लगा होता है। अगर इनपर ध्यान ना दिया जाए तो इससे दीवारों को काफी ज़्यादा नुकसान हो सकता है।
फफूंद
नमी की वजह से फफूंद लगते हैं, इसलिए जब आप फफूंद देखें तो समझ जाइए कि दीवार, छत या फर्श के उस हिस्से में लंबे समय से नमी है। ये नीला, हरा, काला या ग्रे रंग में हो सकते हैं। इससे गले में जलन, नाक का बहना, आंखों की जलन, खांसी और गले की समस्या के साथ-साथ कई मामलों में स्किन में जलन की शिकायत भी होती हैं।
पेंट में अंतर
दीवार पर धब्बों के अलावा आप पेंट को देख कर पानी से हुए नुकसान का पता लगा सकते हैं। उस रंग पर ग़ौर करें जो उभरा हो, थोड़ा बेरंग हो या जो छूट रहा हो। यह ज़्यादा नमी या पानी से होने वाले नुकसान की वजह से होता है। समस्या की वजह का पता लगाएँ और ज़्यादा नुकसान से बचने के लिए जितनी जल्दी हो इसे ठीक कराएं।
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सीलन की बदबू
लोग अक्सर दीवारों और दरवाज़ों पर पेंटिंग कर के पानी से होने वाले नुकसान को ढकने की कोशिश करते हैं। पेंट के ताज़े कोट से पानी के निशान अच्छे से ढक जाते हैं। पर सीलन की गंध से इसका पता लगाया जा सकता है। घर में या कमरे में अगर आपको सीलन की गंध (गीली गंदगी या खराब अंडे जैसी बदबू) आ रही है तो इसका मतलब है कि वहां पानी से नुकसान हुआ है।
नमी का एहसास
अगर सीलन की बदबू आ रही है तो मुमकिन है कि दीवारों को छूने पर ये गीली महसूस होगी। यहां तक कि अगर एक दीवार को पेंट किया जाता है, तो रिसाव या पानी टपकने के कारण दीवार का पेंट नहीं सूखेगा। यह अक्सर पानी से होने वाले नुकसान की जांच करने का एक अच्छा तरीका होता है। अगर ऐसी बातों पर गौर नहीं किया जाता है, तो इससे दीवार कमजोर हो सकती है और घर के स्ट्रक्चर को भी नुकसान हो सकता है।
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अगर आपके घर में इनमें से कोई भी समस्या है तो जल्द ही किसी प्रोफेशनल की मदद लें या नुकसान को देखते हुए घर बदलें। प्रोफेशनल प्लंबर ऐसी समस्याओं को ठीक कर देते हैं जिससे आगे ज़्यादा नुकसान नहीं होता है। लीकेज ठीक होने के बाद तो पेंटर दीवार को और खूबसूरत बना सकता है। कारपेंटर आपके घर के दरवाज़े और खिड़कियों की चौखट बदलने में मदद कर सकते हैं। किसी भी तरह की मदद के लिए NoBroker की होम सर्विस लें। हम नया घर ढूंढने में भी आपकी मदद कर सकते है!। शुरू करने के लिए यहां क्लिक करें