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Q.

उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र कौन बनाता है?

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0 2023-05-18T11:47:03+00:00

नियमों के अनुसार प्रॉपर्टी के अधिकार एक पिढी से दुसरे पिढी को हस्तांतरित होते है; पर उसके लिए औपचारिकता पूरी करनी पड़ती है जैसे कुछ सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने होते है। किसी व्यक्ती की मृत्यु  होने के पश्चात उसके प्रॉपर्टी के अधिकार कायदे से उसके कानूनी उत्तराधिकारी को मिलते हैं तो यहा अब uttaradhikari meaning in hindi क्या है और उत्तराधिकारी होने का प्रमाणपत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया कैसे सम्पन्न होती है, ये जानते है।

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उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र कैसे बनता है ?

  • पहले उत्तराधिकारी अर्थ क्या होता है ये समझते है किसी व्यक्ती के मरने के बाद उसके परिवार से जो व्यक्ती उस मृत व्यक्ति के अधिकार पाने के लिए कानूनी तौर पर पात्र होता है वो उत्तराधिकारी कहलाता है।

  •  

    अगर गुजरने से पहले संबंधित व्यक्ति ने अपने प्रॉपर्टी की वसीयत नहीं बनायी या फिर अपने चल संपत्ति के व्यवहारों में किसी को नॉमिनी नहीं बनाया तो उस परिस्थिति में उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र बनवाना पड़ता है।

  •   

    इसे अंग्रेजी में Succession Certificate कहते है ये सिर्फ मृत व्यक्ति के चल संपत्ति पर जैसे बैंक की राशि, एफडी, आरडी, शेयर, म्युचूअल फंड आदीयों के अधिकार प्राप्त करने के लिए होता है नाहीं की अचल संपत्ति पर।  

  •  

    ‘उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र कौन बनाता है’ आपके इस सवाल का जवाब है की ये

    प्रमाणपत्र जिला सक्षम न्यायालयद्वारा आपको प्रमाणित किया जाता है।

    मृत व्यक्ति जहा रहता था उस एरिया के जिला न्यायालय में आप

    उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र के लिए प्रार्थना पत्र देना होगा।

  • उत्तराधिकारी होने का दावा करनेवालों को प्रार्थना पत्र के साथ कुछ और दस्तावेज भी जमा करने होते है जैसे,

  1.  

    पहचान पत्र

  2.  

    निवासी पते का प्रूफ

  3.  

    मृत्युपत्र

  4.  

    शपथपत्र / प्रतिज्ञापत्र

  5.  

    चल संपत्ति की लिस्ट

  •  

    आपके प्रार्थना पत्र और दस्तावेज को ध्यान में लेते हुए कोर्टद्वारा सर्वसाधारण को इसकी जानकारी अकबार के माध्यम से दी जाती है ताकि किसीको इससे हरकत है तो वे 45 दिनों के अंदर अपने अधिकार का दावा करें।

  •  

    अगर ऐसा नहीं होता है तो न्यायालय दस्तावेज की जांच करके उत्तराधिकारियों को सर्टिफिकेट प्रमाणित करता है इस प्रोसेस में उस मृत व्यक्ति की टोटल जितनी चल संपत्ति है उसके 3 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी लगाई जाती है।  

इस जानकारी से आप ‘उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र कैसे बनाया जाता है’ ये जान गए होंगे और ये प्रमाणपत्र क्यों जरूरी होता है इसके बारें में भी आपको इन्फॉर्मेशन मिली होगी।

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