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पावर ऑफ अटॉर्नी क्या है?

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3 Year

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Summary
POA यानि की पावर ऑफ अटॉर्नी एक कानूनी दस्तावेज़ है। पावर ऑफ अटॉर्नी से किसी व्यक्ति को (कोई एजेंट या अटॉर्नी धारक) यह अधिकार मिलता है की वह संपत्ति के असली मालिक की ओर से संपत्ति से जुड़े मामलों का फैसला ले। पावर ऑफ़ अटॉर्नी, अटॉर्नी धारक को संपत्ति को खरीदने, बेचने, लीज़ पर देने और प्रबंधन करने का अधिकार देती है।

मैं आपको POA full form in Hindi समझा सकता हूँ। देखिये, POA यानि की पावर ऑफ अटॉर्नी एक कानूनी दस्तावेज़ है। पावर ऑफ अटॉर्नी से किसी व्यक्ति को (कोई एजेंट या अटॉर्नी धारक) यह अधिकार मिलता है की वह संपत्ति के असली मालिक की ओर से संपत्ति से जुड़े मामलों का फैसला ले। 


  1. पावर ऑफ़ अटॉर्नी, अटॉर्नी धारक को संपत्ति को खरीदने, बेचने, लीज़ पर देने और प्रबंधन करने का अधिकार देती है।

  2.  इस सब के साथ ही, यह दस्तावेज़ अटॉर्नी धारक को संपत्ति से जुड़े लेन-देन के फैसले, मालिक के गैर मौजूदगी में उनके ओर से लेने का भी अधिकार देती है, खासकर तब जब संपत्ति के मालिक खुद यह सब कार्य में हिस्सा लेने के लिए उपलब्ध ना हो। 

  3. पावर ऑफ़ अटॉर्नी संपत्ति से जुड़े लेन-देन के कार्य को सरल बनाने के लिए ज़रूरी मानी जाती है। इससे प्रबंध के कार्य में भी मदद मिलती है। साथ ही संपत्ति से जुड़े किसी भी कानूनी या प्रशासनिक कार्य में असली मालिक का प्रतिनिधित्व करने के लिए भी यह काम में आती

    है।


आशा है इससे आपकी मदद होगी। 


पाएं पावर ऑफ़ अटॉर्नी से जुड़ी मदद नोब्रोकर के वकील द्वारा

नमस्ते पंकज, मैंने देखा की आप mukhtar nama kya hota hai, इससे सम्बंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं और मैं आपकी इसमें मदद करूंगा। पावर ऑफ़ अटॉर्नी जिसे मुख्तारनामा कहते हैं, वह एक कानूनी दस्तावेज़ है जो एक व्यक्ति को उसकी अनुपस्थि में उसकी प्रॉपर्टी, पैसे, स्वस्थ से जुड़े मामले, आदि का प्रबंधन करने का किसी दुसरे व्यक्ति या संगठन को ज़िम्मा लेने का हक़ देती है। इससे जुड़ी बाकि की जानकारी मैं आपको विस्तार से नीचे बताता हूँ। 

Mukhtarnama Kya Hai?

ऊपर से बात को आगे बढ़ाते हुए मैं आपको बताना चाहूंगा की जो व्यक्ति अपनी प्रॉपर्टी की ज़िम्मदारी दुसरे व्यक्ति को देता है वह प्रिंसिपल या अनुदाता या डोनर कहलाता है। वहीँ अधिकृत व्यक्ति को पावर ऑफ़ अटॉर्नी एजेंट या सिर्फ एजेंट बुलाया जाता है। 

अधिकृत व्यक्ति के पास प्रॉपर्टी, मेडिकल से जुड़े मामले, आदि से सम्बंधित कानूनी निर्णय लेने का पूरा या फिर सीमित रूप से अधिकार होता है। यह मुख्तारनामा के नियम और शर्तों पर निर्भर करता है की कितना अधिकार दिया जायेगा। 

 

Mukhtarnama किसे चुना जा सकता है?

  1. व्यक्ति की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। 

  2. वह स्वस्थ दिमाग वाला और भरोसेमंद व्यक्ति होना चाहिए 

  3. वह स्पष्ट निर्णय लेने में सक्षम होना चाहिए। 

यहाँ पर मैं यह उत्तर समाप्त करता हूँ। आशा है कि इससे आपकी मदद होगी। 

पावर ऑफ़ अटॉर्नी से जुड़ी समस्या का समाधान पाएं नोब्रोकर की लीगल सर्विस द्वारा!  इससे सम्बंधित जानकारी:

पावर ऑफ अटॉर्नी कैसे बनती है

1 2022-08-10T18:27:35+00:00
नमस्ते! जब मैं एक प्रॉपर्टी खरीदना चाह रहा था, एक विक्रेता ने मुझे पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से एक संपत्ति खरीदने के लिए कहा। उस समय मुझे नहीं पता था कि पावर ऑफ अटॉर्नी क्या है (power of attorney kya hai)। इसलिए मैंने अपने वकील से इस बारे में बात की। उसने मुझे अच्छे से समझाया power of attorney in hindi:

पावर ऑफ अटॉर्नी क्या होती है (power of attorney kya hota hai)

मेरे वकील ने मुझे बताया कि हमारे देश में दो कानूनों के तहत पावर ऑफ अटॉर्नी की अवधारणा का उल्लेख किया गया है - भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 और पावर ऑफ अटॉर्नी अधिनियम, 1882। एक पावर ऑफ अटॉर्नी को एक उपकरण के रूप में परिभाषित किया गया है जो किसी विशेष व्यक्ति को अनुमति देता है लेन-देन करने वाले व्यक्ति की ओर से कार्य करें। सरल शब्दों में, एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को स्वयं को अपने प्रतिनिधि के रूप में प्रस्तुत करने, अपनी ओर से कुछ विशेष कार्यों को करने का कानूनी अधिकार देता है। आम तौर पर, अनिवासी भारतीय (एनआरआई) इस उपकरण का उपयोग करते हैं क्योंकि उनके लिए अपने निजी काम या व्यवसाय के कारण किसी निश्चित समय पर मूल देश का दौरा करना हमेशा संभव नहीं होता है। इसके द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधा की वजह से व्यवसायियों जैसे व्यस्त लोगों और जो विभिन्न पेशेवर और व्यक्तिगत कार्यों को नहीं कर सकते हैं, के लिए एक पावर ऑफ अटॉर्नी बहुत मददगार है। अब आप जानते हैं मुख्तारनामा क्या है

पावर ऑफ अटॉर्नी दो प्रकार की होती है:

जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी (जीपीए) जो किसी व्यक्ति को अपनी ओर से नियमित कार्य करने का अधिकार देता है और एक विशेष (स्पेशल) पावर ऑफ अटॉर्नी (एसपीए) जो विशेष कार्यों को करने के लिए दी जाती है।

पावर ऑफ अटॉर्नी से रजिस्ट्री हो सकती है क्या

नहीं, जीपीए धारक को मालिक की ओर से संपत्ति बेचने की अनुमति नहीं है, भले ही जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय में पंजीकृत हो। यहां तक ​​कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी GPA के माध्यम से संपत्ति की बिक्री को अमान्य कर दिया है। आपने संपत्ति "खरीदी" हो सकती है, लेकिन एक पंजीकृत बिक्री विलेख की अनुपस्थिति में, आपको संपत्ति का कानूनी मालिक नहीं माना जाएगा। बिना सेल डीड के आप प्रॉपर्टी नहीं बेच पाएंगे। मैंने आपके लिए इस उत्तर के साथ मुख्तारनामा का प्रारूप pdf भी लगा दिया है|

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ये भी पढ़ें: सेल डीड क्या है हलफनामा क्या होता है वसीयत क्या है अब आपको पता है पावर ऑफ अटॉर्नी क्या है (power of attorney in hindi)  
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