icons

Login / Sign up

Zero Brokerage.

Thousands of new listings daily.

100 Cr+ Brokerage saved monthly.

Enter phone to continue

Change Phone
Get updates on WhatsApp

Experience The NoBrokerHood Difference!

Set up a demo for the entire community

Thank You For Submitting The Form
Q.

फरार व्यक्ति की संपत्ति की कुर्की क्या है

view 7274 Views

1

2 Year

Comment

whatsapp [#222222128] Created with Sketch. Send
1 2023-04-24T11:08:56+00:00

कोर्ट के आदेश के बाद भी कोई व्यक्ती जिसपर किसी अपराध का आरोप हो, उसके नाम का वारंट निकला हो वो उपस्थित नहीं हो रहा है; तो CRPC सेक्शन 82 के तहत उसे न्यायलयद्वारा फरार घोषित किया जाता है। उद्घोषणा होनेपर भी उस व्यक्ती का प्रतिसाद नहीं आता तो सेक्शन 83 के अनुसार उसके संपत्ति कुर्की करने की नोटिस जारी होती है।

तो अब हम संपत्ति की कुर्की करते वक्त ‘फ़रारी के पिता या भाई की संपत्ति की कुर्की नहीं होनी चाहिए या नहीं

’ इसके बारें में जानेंगे।

 

प्रॉपर्टी से संबंधित लीगल व्यवहारों में नोब्रोकर प्रोफेशनल लीगल सर्विस आपकी अवश्य मदद करेगा

Kurki warrant kya hota hai?

 

फरार व्यक्ती के नाम से नोटिस या न्यूजपेपर के माध्यम से उद्घोषणा करके भी एक महिने के अंदर वो उपस्थित नहीं हुआ; तो उसके चल-अचल संपत्ति के कुर्की वारंट निकलता है।  

  •  

    उसकी संपत्ति किसी के पास गिरवी है या फिर वो चल संपत्ति है तो कोर्ट एक रिसिवर को नियुक्त करता है, जिसके अंतर्गत कुर्की प्रक्रिया की जाती है। अचल संपत्ति की कुर्की जिलाप्रतिनिधी के कार्यवाही में की जाती है। इस तरह से

    फरार व्यक्ति की संपत्ति की कुर्की अदालत की ओर से की जाती है। 

  • प्रॉपर्टी पशुधन के या फिर कोई कीमती सामान के स्वरूप में तो कोर्ट उसकी बिक्री करने का आदेश देता है; उसका उत्पन्न कोर्ट के पास रहता है।  

  • कोर्ट जिस संपत्ति की कुर्की करेगा वो उस फरार व्यक्ती की होनी चाहिए; पिता या भाई की संपत्ति की कुर्की नहीं होनी चाहिए। इस कुर्की पर 6 महीने के अंदर कोई व्यक्ती उसके हिस्से का दावा करता है, तो संबंधित सबूतों को देखकर कोर्ट उस व्यक्ती के पक्ष में निर्णय देता है फिर पिता या भाई की संपत्ति की कुर्की नहीं होती। अगर सबूत साबित नहीं होते तो उनकी तरफ से निर्णय नहीं होगा, और सारे संपत्ति की कुर्की होती है।  

  • कुर्की के बाद भी वो फरार व्यक्ती न्यायलय के आदेश का पालन नहीं कर रहा है, तो न्यायालय उसकी कुर्की की संपत्ति राज्य सरकार के अधिकार में देती है। 

     

सेक्शन 85 के अनुसार कुर्की की गई संपत्ति को वापिस करने का प्रावधान है। अगर कोर्ट की तरफ से उद्घोषणा के बाद निर्धारित समय पर फरार व्यक्ती उपस्थित होता है या फिर प्रॉपर्टी राज्य सरकार के अंतर्गत होने के बाद से 2 साल के अंदर फरार व्यक्ती उपस्थित होता है और ये कहता है की उसे वारंट की सूचना नहीं मिली थी या फिर वो वारंट के डर से नहीं छुपा था; उसका कोई अन्य कारण सच साबित होता है, तो कोर्ट ने किया हुआ खर्चा काटकर संपत्ति वापिस की जा सकती है। सेक्शन 86 के तहत संपत्ति वापस करने के अर्जी को नामंजूर नोटिस पर तथा कुर्क हुई संपत्ति को बेचकर जो पैसा आया उसे वापस करने का कोई आदेश नहीं दिया गया वो व्यक्ति कोर्ट में अपील कर सकता है।

 

किन चीजों की कुर्की नहीं की जा सकती,

सेक्शन 60 के अंतर्गत कोई भी बिक्री होनेवाली चल-अचल प्रॉपर्टी की कुर्की हो सकती है जैसे मकान, जमीन, चलन, संपत्ति व्यवहार के लीगल दस्तावेज, चेक आदी। परंतु, सेक्शन 60 में ये भी मेन्शन है की कपड़े, बर्तन, आभूषण, औजार, उपकरण, पॉलिसी, पेंशन, सरकारी भत्ता आदीयों की कुर्की नहीं की जा सकती।

आशा है की ‘फरार व्यक्ति की संपत्ति की कुर्की

क्या है’ इससे जुड़ी इन्फॉर्मेशन आप तक पहुंची होगी और अदालत की तरफ से क्या प्रक्रिया होती है, इसकी भी जानकारी आपको मिली होगी।

इससे संबंधित और विषय यहा पढ़े :

संपत्ति का अधिकार कब हटाया गया संपत्ति कितने प्रकार की होती है बख्शीश नामा क्या होता है जमीन का
Flat 25% off on Home Painting
Top Quality Paints | Best Prices | Experienced Partners